NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 4 वैज्ञानिक चेतना के वाहक :चंद्रशेखर वेंकट रामन

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 4 वैज्ञानिक चेतना के वाहक :चंद्रशेखर वेंकट रामन

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक -दो पंक्तियों में दीजिए –

उत्तर -1 “रामन् न सिर्फ प्रकृति से प्यार करने वाले थे, बल्कि वे एक जिज्ञासु वैज्ञानिक और अच्छे शोध करने वाले भी थे।”

उत्तर -2 “समुद्र को देखकर रामन् के मन में दो सवाल उठे—पहला, समुद्र का पानी रंगों वाला क्यों दिखता है? और दूसरा, इसका रंग हमेशा नीला ही क्यों दिखाई देता है?”

उत्तर -3 “उनके पिता ने उन्हें भौतिकी और गणित की अच्छी शिक्षा दी, जो आगे चलकर उनके बहुत काम आई।”

उत्तर -4 रामन वाद्य यंत्रों की ढ़नक को समझकर उनके पीछे छिपे वैज्ञानिक रहस्यों को सामने लाना चाहते थे। वे यह भी साबित करना चाहते थे कि भारतीय वाद्य यंत्र गुणवत्ता में किसी भी विदेशी यंत्र से कम नहीं हैं।”

उत्तर -5 “रमन ने सरकारी नौकरी इसलिए छोड़ी क्योंकि उनका उद्देश्य केवल आराम और सुविधाएँ पाना नहीं था, बल्कि देश को श्रेष्ठ ज्ञान देना था।

उत्तर -6 “पानी के नीले रंग के रहस्य को समझने की रावण की जिज्ञासा ही वह सवाल थी, जिसकी लहरों पर रमन का प्रभाव खोजता विचार झूम रहा था।

उत्तर -7 ”आइंस्टाइन के अनुसार, प्रकाश तरंगें सूक्ष्म कणों ‘फोटॉन’ से बनी होती हैं, जो अत्यंत तीव्र गति से गतिशील रहते है

उत्तर – 8 रामन् की खोज ने पदार्थ के अणुओं और परमाणुओं को समझने की प्रक्रिया को आसान बना दिया।

लिखित

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25 -30 ) शब्दों में लिखिए –

उत्तर -1 कॉलेज के समय रामन् की गहरी चाहत थी कि वे नए वैज्ञानिक प्रयोग करें और अपना सम्पूर्ण जीवन शोध कार्यों को समर्पित करें। लेकिन उस दौर में भारत में संगठित अनुसंधान केंद्रों की कमी थी, जिससे वे इसे अपने पेशे के रूप में नहीं अपना सके।”

उत्तर -2 “रामन् ने भारतीय और विदेशी दोनों वाद्य यंत्रों पर प्रयोग किए और उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि भारतीय वाद्य यंत्र भी विदेशी यंत्रों की तुलना में किसी भी तरह से कम नहीं हैं|

उत्तर -3 जब आशुतोष मुखर्जी ने रामन् से सरकारी नौकरी छोड़कर कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर का पद स्वीकार करने का अनुरोध किया, तो वे एक कठिन दुविधा में पड़ गए। उस समय रामन् जिस सरकारी पद पर कार्यरत थे, उसकी प्रतिष्ठा अत्यंत थी और वहाँ पर्याप्त सुविधाएँ भी उपलब्ध थीं। इसके विपरीत, विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर का पद उस दौर में न तो उतनी प्रतिष्ठा रखता था और न ही विशेष सुविधाएँ प्रदान करता था। ऐसे में यह निर्णय रामन् के लिए न केवल व्यावसायिक बल्कि व्यक्तिगत दृष्टिकोण से भी अत्यंत चुनौतीपूर्ण बन गया।

उत्तर -4 सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को उनके अद्वितीय वैज्ञानिक योगदानों के लिए समय-समय निम्नलिखित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया ?

  • 1920 में उन्हें “सर” की उपाधि प्रदान की गई।
  • 1924 में वे रॉयल सोसाइटी के सदस्य चुने गए।
  • 1930 में उन्हें भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ—यह विज्ञान का सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।
  • 1954 में उन्हें भारत रत्न से नवाज़ा गया, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
  • उन्हें रॉयल सोसाइटी का ह्यूज पदक भी प्रदान किया गया।
  • इसके अतिरिक्त, उन्हें सोवियत संघ द्वारा अंतरराष्ट्रीय लेनिन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

उत्तर -5 सर रामन् को मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीयों के मन से यह सोच निकाल दी कि वे अंग्रेजों से किसी भी तरह कम हैं। उनके काम और सम्मान ने विद्यार्थियों को विज्ञान की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इन पुरस्कारों ने पूरे देश में आत्मविश्वास और जागरूकता पैदा की।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50 -60 ) शब्दों में लिखिए –

उत्तर -1 रामन् के शुरुआती शोध कार्यों को आधुनिक हठयोग कहा गया है क्योंकि वे एक व्यस्त सरकारी अधिकारी होने के बावजूद, whenever उन्हें थोड़ी भी फुर्सत मिलती, वे इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस की प्रयोगशाला में अनुसंधान में लग जाते। साधनों की कमी कभी उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा को रोक नहीं सकी। अपनी लगन और दृढ़ निश्चय के कारण उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी शोध कार्य जारी रखा, जो वास्तव में हठयोग की भावना को दर्शाता है।

उत्तर -2 रामन् प्रभाव उस खोज का नाम है जो रामन् के मन में समुद्र यात्रा के दौरान उठे सवाल से जुड़ा था — समुद्र का पानी नीला क्यों दिखता है? इस सवाल को समझने के लिए उन्होंने प्रकाश के गुणों पर ध्यान दिया।इस प्रभाव के अनुसार, जब एक रंग की रोशनी (एकवर्णीय प्रकाश) किसी पारदर्शी चीज़ से होकर गुजरती है, तो वह उस चीज़ के अन्दर से टकराकर थोड़ी ऊर्जा लेती है या छोड़ती है। इस कारण रोशनी के रंग में थोड़ा बदलाव आ जाता है। यही बदलाव रामन् प्रभाव कहलाता है।

उत्तर -3 “रामन् प्रभाव” की खोज से विज्ञान में कई महत्वपूर्ण काम आसान हो गए:

  • अब वैज्ञानिक पदार्थों के अणु और परमाणु की अंदरूनी बनावट को आसानी से समझ सकते हैं।
  • इनकी संरचना जानने के बाद प्रयोगशाला में कई चीज़ों को कृत्रिम रूप से तैयार करना संभव हो गया।
  • इसी खोज के आधार पर रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी नाम की एक आधुनिक और सटीक तकनीक का विकास हुआ।

उत्तर -4 सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के काम और उन्हें मिले पुरस्कारों ने भारत के लोगों को यह भरोसा दिलाया कि वे भी विज्ञान में आगे बढ़ सकते हैं। उनका जीवन विज्ञान के लिए पूरी तरह समर्पित था, जिससे बहुत से युवा प्रेरित हुए।

उन्होंने बेंगलुरु में एक शोध केंद्र शुरू किया, जिसका नाम रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट है। उन्होंने भौतिक शास्त्र के लिए इंडियन जनरल ऑफ फिजिक्स नाम की पत्रिका शुरू की और करंट साइंस नाम की एक और वैज्ञानिक पत्रिका भी बनाई।

उत्तर -5 सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान रखना चाहिए और उसे पाने के लिए पूरी मेहनत करनी चाहिए। चाहे हालात जैसे भी हों, हमें पीछे नहीं हटना चाहिए।हमें अपनी सुविधा से ज़्यादा देश का भला सोचने की आदत डालनी चाहिए। हमें ऐसा इंसान बनना चाहिए जो चीजों को ध्यान से देखे, समझे और उनके बारे में सवाल पूछ सके।

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए –

उत्तर -1 ‘सर वेंकट रामन् ने अपने व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं की परवाह किए बिना, बच्चों को शिक्षित करने को सर्वोपरि माना। यह उनकी विद्या के प्रति निष्ठा और माता सरस्वती में गहरी आस्था का प्रतीक है।”

उत्तर -2 सर वेंकट रामन् ने वाद्य यंत्रों के स्वर और उनके वैज्ञानिक आधार पर गहन शोध कर उस विज्ञान को समझने का प्रयास किया जो हमारी दैनिक अनुभूतियों से जुड़ा है। उन्होंने जल पर ‘रामन् प्रभाव’ की खोज कर यह दर्शाया कि हमारे चारों ओर जो कुछ घटित हो रहा है, वह केवल संयोग नहीं बल्कि वैज्ञानिक रहस्य है जिसे जानना और उजागर करना हमारी जिम्मेदारी है। उनकी खोजों ने विश्व को ज्ञान की एक नई दिशा प्रदान की।

उत्तर -3 ‘यह बात सर वेंकट रामन् के शुरू के शोध कामों पर कही गई है। उन्होंने ठान लिया था कि चाहे कितनी भी मुश्किलें हों या सामान की कमी हो, वे अपना काम जरूर पूरा करेंगे। उनके अंदर हट थी कि समय किसी भी तरह निकाल कर वे अपना शोध ज़रूर करेंगे।”

इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस, फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन, भौतिकी, रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट।

उत्तर -रामन् का पहला शोध पत्र फिलोसॉफिकल मैगजीन में प्रकाशित हुआ था।

उत्तर -2 रामन् की खोज भौतिकी के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।

उत्तर -3 कलकत्ता की मामूली सी प्रयोगशाला का नाम इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस था।

उत्तर -4 रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट नाम से जाना जाता है।

उत्तर – 5 पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाता था।

  • (क) प्रमाण: वैज्ञानिक शोध में निष्कर्षों को प्रमाणों के आधार पर प्रस्तुत किया जाता है।
  • (ख) प्रणाम: विद्यार्थी ने अपने गुरु को श्रद्धापूर्वक प्रणाम किया।
  • (ग) धारणा: समाज में यह धारणा है कि शिक्षा से जीवन में सुधार आता है।
  • (घ) धारण: सैनिक ने राष्ट्र रक्षा की भावना को अपने हृदय में धारण किया।
  • (ड़) पूर्ववर्ती: इस पुस्तक का विषय लेखक की पूर्ववर्ती कृति से जुड़ा हुआ है।
  • (च) परवर्ती: इस फैसले का परवर्ती असर पूरे समाज पर पड़ा।
  • (छ) परिवर्तन: मौसम के परिवर्तन के कारण लोग अस्वस्थ हो रहे हैं।
  • (ज) प्रवर्तन: सरकार ने नए नियमों के प्रवर्तन की प्रक्रिया शुरू की।

रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों के पूर्ति कीजिए –

उत्तर -1 मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से अशक्त हैं।

उत्तर-2 अस्पताल के अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई रूप से नौकरी दे दी गई है।

उत्तर -3 रामन् ने अनेक को श्रवण और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।

उत्तर -4 आज बाजार में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।

उत्तर -5 सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रूप को देखने के बाद विकर्षण में परिवर्तित हो जाता है।


नीचे दिए उदाहरण में रेखांकित अंश में शब्द -युग्म का प्रयोग हुआ है –

उत्तर –

  1. सुख-सुविधा
    👉 जीवन का मकसद सिर्फ आराम और सुविधा नहीं होना चाहिए।
  2. अच्छा-खासा
    👉 हमारे नेता दुनिया में अच्छी इज्जत पाते हैं।
  3. प्रचार-प्रसार
    👉 हर कंपनी अपने सामान का खूब प्रचार करती है।
  4. आस-पास
    👉 अपने पास अच्छे लोगों को ही बैठने देना चाहिए।

उत्तर –
यहाँ एक साफ़-सुथरी तालिका दी गई है जिसमें (क) “अंदर” और (क) “ढूँढ़ते” जैसे शब्दों के आधार पर बाकी स्थानों को भरा गया है:

🧠 अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों की तालिका

क्रमअनुस्वार शब्दअनुनासिक शब्द
(क)अंदरढूँढ़ते
(ख)संकल्पमाँ
(ग)संबंधहँसी
(घ)संपत्तिताँबा
(ड़)अंशचाँद

🔍 समझने के लिए:

  • अनुस्वार: जब शब्द में ‘ं’ आता है और वह पूर्ण रूप से एक वर्ण के रूप में उच्चारित होता है, जैसे अंदर, संपत्ति
  • अनुनासिक: जब स्वर के साथ नाक से ध्वनि निकलती है और चंद्रबिंदु (ँ) का प्रयोग होता है, जैसे माँ, चाँद

उत्तर –

विशिष्ट भाषा प्रयोगसामान्य शब्दों में अर्थ
घंटों खोए रहतेबहुत देर तक किसी काम में पूरी तरह लगे रहते
स्वाभाविक रुझान बनाए रखनाअपनी दिलचस्पी या पसंद को लगातार बनाए रखना
अच्छा-खासा काम कियाकाफी मेहनत और प्रभावशाली काम किया
हिम्मत का काम थाऐसा काम था जिसे करने के लिए साहस और आत्मविश्वास चाहिए था
सटीक जानकारीबिल्कुल सही और स्पष्ट जानकारी
काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किएबहुत अच्छे या उच्च नंबर पाए
कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया थाबहुत मेहनत करके किसी चीज़ को सफल बनाया या शुरू किया
मोटी तनख्वाहबहुत ज़्यादा वेतन या पैसा मिलता है

उत्तर -🔗 शब्दों का मिलान तालिका

शब्दसंबंधित अर्थ / मिलान
नीलासमुन्द्र
कामचलाऊघटिया
पितानींव
रवफोटॉन
तैनातीवाघयंत्र
भारतीयकलकत्ता
उपकरणवैज्ञानिक रहस्य
भेदनवैज्ञानिक रहस्य / वाघयंत्र
  • नीला – समुन्द्र: समुद्र का रंग आमतौर पर नीला होता है, इसलिए यह मिलान स्वाभाविक है।
  • कामचलाऊ – घटिया: कामचलाऊ चीज़ें अक्सर अस्थायी और कम गुणवत्ता वाली होती हैं।
  • पिता – नींव: पिता को परिवार की नींव या आधार माना जाता है।
  • रव – फोटॉन: रव यानी प्रकाश की ध्वनि या तरंग, जो फोटॉन से जुड़ी होती है।
  • तैनाती – वाघयंत्र: वाघयंत्र एक प्रकार का रक्षा उपकरण है, जिसमें तैनाती होती है।
  • भारतीय – कलकत्ता: कलकत्ता भारत का एक प्रमुख शहर है।
  • उपकरण – वैज्ञानिक रहस्य: वैज्ञानिक रहस्य को समझने के लिए उपकरणों की ज़रूरत होती है।
  • भेदन – वैज्ञानिक रहस्य / वाघयंत्र: भेदन यानी किसी चीज़ को पार करना या समझना, जो वैज्ञानिक खोज या रक्षा से जुड़ा हो सकता है।

उत्तर -पाठ में आए रंगों की सूची

  1. नीला
  2. काला
  3. सफ़ेद
  4. लाल
क्रमरंग का नाम
1पीला
2हरा
3गुलाबी
4नारंगी
5बैंगनी
6भूरा
7सुनहरा
8चाँदी जैसा (सिल्वर)
9आसमानी
10स्लेटी (ग्रे)

उत्तर –

  1. यह पुरस्कार उसे उसकी मेहनत के कारण ही मिला है।
  2. असली समाधान उसी सवाल में ही छिपा हुआ था।
  3. वह छात्र हर प्रतियोगिता में पहला स्थान ही प्राप्त करता है।
  4. यह पुस्तक उन्होंने ही लिखी है, किसी और ने नहीं।
  5. सफलता का रास्ता कठिनाइयों से ही होकर जाता है।

योग्यता -विस्तार

उत्तर -भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक

नामवर्षक्षेत्रमुख्य कार्य / योगदान
चंद्रशेखर वेंकटरमन1930भौतिकीप्रकाश के प्रकीर्णन पर कार्य (रमन प्रभाव)
हरगोविंद खुराना1968चिकित्साआनुवांशिक कोड और प्रोटीन संश्लेषण पर शोध
सुब्रह्मण्यन् चंद्रशेखर1983भौतिकीतारों की संरचना और विकास पर सैद्धांतिक अध्ययन
वेंकटरामन रामकृष्णन2009रसायन विज्ञानराइबोसोम की संरचना और कार्य का अध्ययन
अभिजीत बनर्जी2019अर्थशास्त्रवैश्विक गरीबी को दूर करने के लिए प्रायोगिक शोध

उत्तर -न्यूटन ने एक पेड़ से गिरते सेब को देखकर यह विचार किया कि पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को एक विशेष बल द्वारा अपनी ओर आकर्षित करती है। इसी खोज के आधार पर उन्होंने ‘गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत’ प्रतिपादित किया। इसके अतिरिक्त, न्यूटन ने ‘गति के सिद्धांत’ भी प्रस्तुत किए, जो भौतिकी के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं

परियोजना कार्य –

उत्तर –

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 वैज्ञानिक चेतना के वाहक चन्द्र शेखर वेंकट रामन Q2

उत्तर -यहाँ पिछले बीस-पच्चीस वर्षों में हुई कुछ प्रमुख वैज्ञानिक खोजों और उपकरणों की सूची दी गई है, जिन्होंने मानव जीवन को गहराई से प्रभावित किया है:

मानव जीवन को बदलने वाली वैज्ञानिक खोजें और उपकरण (पिछले 25 वर्षों में)

खोज / उपकरणप्रभाव / उपयोगिता
स्मार्टफोनसंचार, इंटरनेट, कैमरा, बैंकिंग, शिक्षा – सब कुछ एक ही उपकरण में संभव हुआ।
इंटरनेट और सोशल मीडियावैश्विक जुड़ाव, सूचना का आदान-प्रदान, शिक्षा और व्यापार में क्रांति।
CRISPR-Cas9 तकनीकजीन एडिटिंग द्वारा आनुवंशिक रोगों के इलाज की नई संभावनाएँ खुलीं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त, परिवहन आदि क्षेत्रों में स्वचालन और निर्णय क्षमता में सुधार।
3D प्रिंटिंगनिर्माण, चिकित्सा, फैशन और खाद्य उद्योग में क्रांति – अंगों की छपाई तक संभव।
पहनने योग्य तकनीकस्मार्टवॉच, फिटनेस ट्रैकर – स्वास्थ्य निगरानी और जीवनशैली सुधार में सहायक।
स्वचालित (Self-driving) वाहनपरिवहन को सुरक्षित और कुशल बनाने की दिशा में बड़ा कदम।
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतसौर, पवन और जल ऊर्जा – पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा संकट का समाधान।
क्लाउड कंप्यूटिंगडेटा संग्रहण और साझा करने की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाया।
चिकित्सा उपकरणों में नवाचाररोबोटिक सर्जरी, टेलीमेडिसिन, पोर्टेबल डायग्नोस्टिक उपकरण – स्वास्थ्य सेवा में सुधार।



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