NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 9 जहाँ पहिया है

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NCERT Solutions for Hindi Class 8 Chapter 9 Hindi – FREE PDF Download

उत्तर -1

लेखक जंजीरों द्वारा रूढ़िवादी प्रथाओं की ओर चेष्टा कर रहा है |

उत्तर – 2 ….

उन जंजीरों को तोडने का जिनमे वे जकड़े हुए है , कोई न कोई तरीका लोग निकाल ही लेते है | कभी -कभी ये तरीके अजीबो -गरीब होते है | क्योकि व्यक्ति अपने स्वभाव के अनुसार काफी समय तक किसी भी प्रकार के बंधनो में नहीं रह सकता समाज के द्वारा कुछ रूढ़ियाँ और रूढ़िवादी प्रथाएं अगर अपनी चरम सीमाओं को लाघेंगे तो समाज में इसके विरोध एक क्रांति अवश्य जन्म लेगी ,जो इन रूढ़ियों के बंधन को तोड़ डालती है | तमिलनाडू के पुडुकोटई गाँव में हुआ था | यहाँ की ग्रामीण महिलाएं अपनी स्वाधीनता आजादी के लिए साइकिल को चुना और चलाना प्रांरभ क्र दिया और वह आज आत्मनिर्भर हो गई |

पहिया

उत्तर -3

साइकिल आंदोलन से पुडुकोटई की महिलाओं के जीवन में निम्लिखित बदलाव आए –

(1 ) महिलाएं अपनी स्वाधीनता व् आजादी के प्रति सचेत हुई |

(2 ) कृषि उत्पादो को पास ही के गावों में बेचकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया और वह आत्मर्निर्भर हो गई |

(3 ) समय और काम की बचत हुई |

(4 ) स्वयं के लिए आत्म सम्मान की भावना उत्त्पन्न हुई| |

उत्तर -4

शुरुआत में पुरुषों ने आंदलोन का विरोध इसलिए किया कि उन्हें यह डर था कि इससे नारी समाज में उन्नति आ जाएगी | आर ,साइकिल के मालिक गांव में एकमात्र लेडीज साइकिल के डीलर थे | इस आंदोलन से उसकी आय में काफी वृद्धि हुई | इसलिए उन्होंने स्वार्थवश आंदोलन का समर्थन किया

उत्तर -5

फातिमा ने जब इस आंदोलन की शुरुआत की तो उसको बहुत मुश्किलों को झेलना पड़ा उसे लोगों की फब्तियां (गंदी टिप्पणियां भी सुनने को मिली फातिमा एक मुस्लिम परिवार की लड़की थी | जो बहुत रूढ़िवादी थे | उन्होंने फातिमा के उत्साह को तोड़ने का प्रयत्न किया | पुरूषों ने भी इसका विरोध किया | दूसरी समस्या यह थी कि लेडीज साइकिल वहाँ उचित संख्या में उपलब्ध नहीं थी |

शीर्षक की बात –

उत्तर -6

तमिलनाडु के रूढ़िवादी पुडुकोटई गांव में महिलाओं का पुरुषों के विरोध में खड़े होकर साइकिल को अपनी उन्नति के लिए उसका चुनाव करना एक बहुत बड़ा कदम था | पहिए को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है और इस साइकिल आंदोलन से महिलाओं की जिंदगी भी गतिशील हो गई | लेखक ने इस पाठ का नाम जहाँ पहिया है -तमिलनाडु के पुडुकोटई गांव के साइकिल आंदोलन के कारण ही रखा होगा |

उत्तर -7

पाठ का दूसरा शीर्षक आज की महिलाएं है | उनके पक्ष में कुछ तर्क निम्न्लिखित है | साइकिल ही महिलाओ को उद्धृत करेंगी इस पाठ के लिए उपयुक्त नाम हो सकता है क्योकि साइकिल आंदोलन से महिलाएं अपनी आजादी के लिए जागृत हुई कृषि उत्पादकों को निकट के गांवों में बेचकर रोजमर्रा की की स्थिति में आर्थिक बदलाव आए इस तरह महिलाएं आत्मनिरभर हो गई

समझने की बात –

उत्तर -8

लोगों के लिए यह समझना बहुत कठिन है कि ग्रामीण महिलाओं के लिए साइकिल चलाना बहुत बड़ी उपलब्धि है| लोग इस पर हँस सकते है | लेकिन यहाँ कि औरते ही जानती है | जो पहले घर की जिम्मेदारियों तक ही सिमित थी पर अब वह साइकिल चलाकर बाहर के सभी कार्य आसानी से कर सकती है | यह उनके जीवन को जीने में आसान बनाता है इसीलिए उनके लिए साइकिल चलाना उतनी बड़ी उपलब्धि है मानो की जैसे किसी के लिए जहाज चलाना |

साइकिल –

उत्तर -9

फातिमा को साइकिल चलाने का बड़ा चाव लगा है की वह हर शाम आधा घंटे के लिए किराए पर साइकिल लेती है | एक नई साइकिल खरीदने की उनकी हैसियत नहीं है | फातिमा ने बताया कि -” साइकिल चलाने में एक खास तरह की आजादी है | हमे किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता | मै कभी इसे नहीं छोडूँगी | गाँव में पुरानी परम्पराओं का चलन था वहां महिलाओं को साइकिल चलाना सही नहीं समझा जाता था इन सभी रूढ़िवादी बंधनो को तोड़कर वह स्वय को पुरुषो के बराबर का औदा देकर फातिमा और पुडुकोटई गांव की सभी महिलाओं औरतो को आजादी का अनुभव होता होगा |

कल्पना से

उत्तर -10

पुडुकोटई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो वह अपना पार्टी चिन्ह साइकिल ही रखती साइकिल का चुनाव करने का कारण है साइकिल का पहिया यह समय के चक्र के समान विकास मार्ग पर अग्रसर करता है पहिए के आगमन से पुडुकोटई की औरतों के जीवन में खुशियां के क्षण आए इसलिए पुडुकोटई की महिलाएँ इसे अपना चुनाव चिन्ह समझती है और अपने विकास उन्नति के नाम मतदान माँगती और अपने जिले को विकसित करने का वादा करती थी |

उत्तर -11

अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर देंगे तो संसार के विकास का पहिया रुक जाएगा क्यूकि पहिया ही संसार के लोगों के लिए यातायात का एक मात्र साधन है जिससे व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से पहुंच सकता है |

उत्तर -12

1992 में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता | इससे लेखक का यह अभिप्राय है कि पहले महिलाओं के ऊपर पुरुषो दवारा बनाए गए विचारों से जिंदगी जीती थीपरन्तु अब ऐसा नहीं है अब वह हैंडल पर झंडिया लगाए हुए घंटियां बजाते हुए साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोटई में तूफान ला दिया अब वह रूढ़िवादी बंधनो में बँधकर नहीं रहना चाहती थी साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ रहनेवालो को हक्का बक्का कर दिया | जिससे समाज में बदलावदिखाई देने लगे यह दिन उनके जीवन में एक महत्वाकांछाओ से भरा हुआ प्रतीत हुआ |

उत्तर -13

8 मार्च 1992 को पुडुकोटई में महिलाओ के लिए यह दिन प्रामाणिक रूप में मनाया गया उसी दिन से ग्रामीण महिलाओं ने साइकिल चलाने का पक्का निश्च्य कर लिया और आत्मनिर्भर तथा स्वतंत्रता का प्रदर्शन किया | इस घटना से यह साबित हूँ चुका कि अब से सभी महिलाएँ पुरुषो के समान अपने अधिकार को पाना चाहती है और वह अपनी आजादी तथा स्वतंत्र जीवन जीने के लिए पग से पग बढ़ा रही थी |

भाषा की बात –

उत्तर -14

उपसर्ग प्रत्यय
अभि -अभियान
इक -धार्मिक (धर्म + इक )
प्र -प्रयोग वाला -मेहनतवाला (मेहनत + वाला )
अनु – अनुशासन ता -मानवता (मानव +ता )
परि -परिपक़्व ना -पढ़ना (पढ़ + ना )
वि -विशेष ता -गतिशीलता (गतिशील + ता )





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