NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 सुदामा चरित

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 सुदामा चरित are part of NCERT Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 सुदामा चरित .

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 सुदामा चरित .

NCERT Solutions for Hindi Class 8 Chapter 8 Hindi – FREE PDF Download

उत्तर -1

सुदामा की दीनदशा देखकर श्री कृष्ण अत्यंत भावुक हो गए और उनकी आँखों से आंसू बहने लगे | उन्होने सुदामा के पैरों से काँटे निकाले और उनके चरण अपने आंसुओं से धो दिए |

प्रश्न -2 ” पानी परात को हाथ छुयो नहि ,नैनन के जल सो पग धोए | ” पंक्ति में वर्णित भाव का वर्णन अपने शब्दों कीजिये |

उत्तर -2

इस पंक्ति में दो प्रिय मित्रों के स्नेह का वर्णन है सुदामा के पैरों में चुभे काँटे देखकर श्री कृष्ण भावुक हो गए | उन्होंने अपने मित्र के पैर धोने के लिए परात में पानी मंगवाया परन्तु करुणा और दुःख के कारण श्री कृष्ण की आँखों से बहने वाले आंसुओं से ही सुदामा के पैर धुल गए |

(क )उपर्युक्त पंक्ति कौन ,किससे कह रहा है ?

(ख ) इस कथन की पृष्ठभूमि स्प्ष्ट कीजिए |

(ग ) इस उपालंभ ( शिकायत ) के पीछे कौन -सी पौराणिक कथा है ?

उत्तर -3

(क ) उपर्युक्त पंक्ति श्री कृष्ण अपने बाल सखा सुदामा से कह रहे है |

(ख ) सुदामा की पत्नी द्वारा भेजें गए चावलों को सुदामा से कहते है की चोरी करने में तो तुम पहले ही निपुण हो |

(ग ) बचपन में गुरुमाता द्वारा दिए गए चने को सुदामा बिना कुछ कहे चोरी से खाते है इसी पौराणिक कथा को याद करके श्री कृष्ण द्वारा सुदामा से उनकी बचपन की चोरी की आदत की शिकायत करते है

उत्तर -4

द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा श्री कृष्ण से नाराज थे | वह इस बात को समझने का प्रयास कर रहे थे कि एक तरफ तो कृष्ण उनसे मिलकर खुश हुए बहुत आदर सत्कार भी किया | दूसरी तरफ उन्हें खाली हाथ क्यों भेज दिया ? सुदामा को अपनी पत्नी पर भी क्रोध आ रहा था क्योकि उनकी पत्नी ने सुदामा को जबरदस्ती द्वारका मदद के लिए भेजा था | उन्हे इस बात का भी पछतावा हो रहा था| कि मांगे हुए चावल भी कृष्ण को भेंट स्वरुप देने पड़े | यही सब बातें सुदामा मार्ग में सोचते जा रहे थे |

उत्तर -5

अपने गांव लौटकर जब सुदामा अपनी झोपड़ी नहीं खोज पाए तब उनके मन में यह विचार आया कि वह रास्ता भूलकर फिर से द्वारका तो नहीं आ गए है |

उत्तर -6

निर्धनता के बाद मिलनेवाली सपंनता का चित्रण इस प्रकार किया गया है |

(1 ) पहले टूटा – फूटा सा छप्पर होता था | अब उसके स्थान पर आलीशान महल बना है |

(2 ) पहले पैरों में पहनने के लिए जूते – चप्पल भी नहीं होते थे | आज दरवाजे पर हाथी को लेकर महावत खड़े है

(3 ) पहले रात कठोर भूमि पर कटती थी ,अब कोमल बिस्तर पर भी नींद नहीं आती है |

(4 ) पहले खाने के लिए चावल भी मुश्किल से मिल पाते थे ,और अब स्वादिष्ट भोजन भी अच्छा नहीं लगता है |

कविता से आगे

उत्तर -7

द्रुपद और द्रोणाचार्य की भांति श्रीकृष्ण औरसुदामा भी बचपन में मित्र थे उनकी मित्रता बहुत घनिष्ठ थी द्रुपद और द्रोणाचार्य दोनों ही गुरु भारद्वाज के आश्रम में रहकर साथ -साथ पढ़ते थे | द्रुपद धनी थे और द्रोणाचार्य निर्धन थे | उनकी स्थिति को देखकर द्रुपद ने कहा था की जब में राजा बनूंगा तब में तुमको आधा राजपाठ सौप दूंगा जिससे तुम्हारी निर्धनता दूर हो जाएगी इस तरह मेँ अपनी मित्रता का वचन पूरा कर सकूंगा | समय बीतने के बाद द्रुपद राजा बन गया और अपना दिया हुआ वचन भूल गया | द्रोणाचार्य अपनी निर्धनता से छुटकारा पाने की लालसा से सहायता मांगने राजा द्रुपद के पास चले गए ,उनको लगा मेरा मित्र अपना वचन निभाएगा ,परन्तु ऐसा नहीं हुआ राजा द्रुपद ने अपने निर्धन मित्र द्रोणाचार्य की सहायता नहीं की और उनको अपमानित करके वापस भेज दिया इन दोनों की मित्रता में यही अंतर है कि श्रीकृष्ण ने अपने निर्धन मित्र की सहायता करके उनका मान बढ़ाया और राजा द्रुपद ने वचन देकर भी पूरा नहीं किया और अपने मित्र को अपमानित करके मित्रता को कलंकित कर दिया

उत्तर -8

उच्च पद पर पहुंचकर भी हमे अपने माता -पिता भाई बंधुओं का आदर सम्मान करना चाहिए -चाहे स्थिति कैसी भी हो हमे अपने निर्णयों को ईमानदारी और निःस्वार्थ की भावना से निभाना चाहिए

उदाहरण – जैसे सुदामा की परिस्थियाँ बहुत खराब थी फिर भी उनके मित्र ने उनकी बहुत सहायता की हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है हमें अपनी मित्रता को प्रेम पूर्वक निभाना चाहिए जैसे कृष्ण ने सुदामा के प्रति अपनाया हमें भी सबके साथ अच्छा व्यवहार रखना चाहिए |

अनुभव और कल्पना –

उत्तर -9

यदि हमारा कोई प्रिय मित्र बहुत वर्षो के बाद हमसे मिलने आता है तो हम अपने बचपन के कुछ पलों को याद करेंगे और आपस में हम अपने जीवन में आए अनुभवों और बदलावों का अनुभव साझा करेंगे | उस मिलन के बाद पुरानी बातों को ताजा करके सुख का अनुभव करेंगे |

भाषा की बात –

उत्तर -10

इस पंक्ति में अतिश्योक्ति अलंकार का प्रयोग किया है तथा यह अतिश्योक्ति अलंकार है

उदाहरण -टूटी -फूटी से झोपड़ी के स्थान पर अचानक कंचन के महल का होना अतिश्योक्ति अलंकार है |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *